Thursday, March 22, 2012

I.T.Milan, Ravivar 25 March 2012,Sangh Karyalaya 1143,Sec-19,Fbd.

 आप सभी मित्रो को हिन्दू नव वर्ष  विक्रमी संवत २०६९ की हार्दिक बधाई. 

















भारतीय नव वर्ष विक्रमी संवत् 2069 (युगाब्द 5114) तदनुसार चैत्र शुक्ल प्रथम के शुभारम्भ के अवसर पर
आपको व आपके समस्त परिवार जनों व इष्ट मित्रों को बहुत बहुत शुभकामनाएं !

नव वर्ष आपके जीवन में सुख,समृद्धि व खूब सारी उपलब्धियां लेकर आये !

विक्रमी संवत के बारे अधिक जानकारी के लिए क्लिक करे -  http://sureshrss.blogspot.in/2012/03/blog-post.html



हमारा अगला आई.टी.मिलन रविवार, 25 मार्च 2012 को संघ कार्यालय 1143, सेक्टर-19,फरीदाबाद में तय है.

समय प्रातः 7:00 --8:00,

प्रवास-

अल्पाहार शुल्क --20/- 

वेश - निक्कर अपेक्षित .

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   कार्यक्रम:-
  1. 7:00-- शाखा प्रारंभ.
  2. 7:05--7:10 व्यायाम योग   
  3. 7:10--7:25 खेल
  4. 7:25--8:00 बौध्धिक    
  5. 8:00--8:10 प्रार्थना
  6. 8:10-- अल्पाहार 
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स्थायी सूचना:-
  • कृपया ब्लॉग पर अपने उत्तर/स्तिथि/सुझाव अवश्य दे. ताकि आने वाले कार्यक्रम के लिए अनुमान/योजना बनाई जा सके.
  • कृपया प्रार्थना का अभ्यास घर पर करे. ताकि शाखा में ठीक से उच्चारण किया जा सके. 
  • हर एक कार्यकर्त्ता को प्रार्थना पूरी तरह से याद होनी चाहिए. किसी को भी,कभी भी  प्रार्थना के लिए बोला जा सकता है.
  • जिन कार्यकर्ताओ के पास गणवेश पूर्ण नहीं है वो समय रहते इसका प्रबंध कर ले.

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प्रार्थना

नमस्ते सदा वत्सले मात्रुभूमे
त्वया हिन्दुभूमे सुखम वर्धितोऽहम
महा मन्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे
पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते

प्रभो शक्तिमन हिन्दुराष्ट्रांग भूता
इमे सादरं त्वां नमामो वयम
त्वदीयाय कार्याय बद्धा कटीयम
शुभामाशिषं देहि तत्पूर्तये

अजय्यां च विश्वस्य देहीश शक्तिम
सुशीलं जगद्येन नम्रं भवेत
श्रुतं चैव यत कन्टकाकीर्ण मार्गम
स्वयम स्वीक्रुतं न: सुगं कारयेत

समुत्कर्श नि:श्रेयसस्यैकमुग्रम
परम साधनं नाम वीरव्रतम
तदन्त: स्फुरत्वक्षया ध्येयनिष्टा
ह्रुदन्त: प्रजा गर्तुतीव्रानिशम

विजेत्री च न: संहता कार्यशक्तिर
विधायास्य धर्मस्य संरक्षणम
परम वैभवं नेतुमेतत स्वराष्ट्रम
समर्था भवत्वाशिषाते भ्रुशम

"राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अर्थ है- राष्ट्र की सेवा करने हेतु स्वयंप्रेरणा से स्वयं ही अग्रेसर होनेवाले लोगों द्वारा राष्ट्र कार्य के लिये स्थापित संघ ।" -- परमपूजनीय डा. हेडगेवार जी ।

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